हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "ओयून अखबारूल रज़ा" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الرضا علیہ السلام
المُسلِمُ الَّذي يَسلَمُ المُسلِمونَ مِن لِسانِهِ و يَدِهُ ولَيسَ مِنّا مَن لَم يَأمَن جارُهُ بَوائِقَهُ
हज़रत इमाम अली रज़ा अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
मुसलमान वह है कि जिसकी ज़बान और हाथ से दूसरे मुसलमान सुरक्षित रहें और वह आदमी हम में से नहीं है जिसका पड़ोसी उसकी बुराई से सुरक्षित ना हो,
ओयून अखबारूल रज़ा,भाग 1,पेंज 24